Arjunarishta Uses in Hindi अर्जुनारिष्ट: स्वास्थ्य लाभ, उपयोग, खुराक, दुष्प्रभाव, मूल्य
What is Arjunarishta in Hindi-अर्जुनारिष्ट क्या है?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) किसी भी प्रकार के दिल के रोग से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद एक लिक्विड दवा है। इस आयुर्वेदिक दवा का उपयोग सीने में दर्द, रक्तचाप, हार्ट फेल, मायोकार्डीयल इन्फ्राकशन, दिल में ब्लोकेज, इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी आदि से पीड़ित लोगों के लिए किया जा सकता है।
अर्जुनारिष्ट को पार्थियारदिष्ट के रूप में भी जाना जाता है और इसे नेचुरल फेर्मेंटेशन का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इस दवा में मुख्य तत्व के रूप में अर्जुन के पेड़ की की छाल या टर्मिनलिया अर्जुन होते हैं जो एक शक्तिशाली कार्डियोप्रोटेक्टिव है।
“अर्जुनारिष्ट में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन और खनिज होते हैं जो एंटी-ऑक्सीडेशन, एंटी-इंफ्लेमेटरी और लिपिड को कम करने वाले गुण देते हैं। पेड़ की छाल से इनोट्रोपिक और हाइपोटेंशन प्रभाव होता है जो कोरोनरी धमनी के प्रवाह को बढ़ाता है – “डॉ. श्रीधर द्वेदी, प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी ग्रुप, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली विश्वविद्यालय|
Arjunarishta Benefits in Hindi-अर्जुनारिष्ट के फायदे
हर्बल कार्डियक टॉनिक होने के इलावा यह छाती की चोटों, कमजोरी, थकान, पुरानी सांस, खांसी और गले की बीमारियों का इलाज करने में मदद करता है। यह ताकत में भी सुधार करता है और आंतों को साफ करने में मदद करता है।
अर्जुनारिष्ट के स्वास्थ्य लाभ
कार्डिएक अरिथमिया
यह विभिन्न मेल में लिए जाने पर दिल की असामान्य धड़कन, तेज और धीमी गति से दिल की धड़कन को कम करता है।
उच्च और निम्न रक्तचाप की जाँच करता है
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) कार्डियो-वैस्कुलर में सुधार करता है और रक्तचाप को सामान्य स्तर पर स्थिर करता है। अर्जुनारिष्ट में सक्रिय फाइटोकेमिकल्स और शारीरिक गुण होते हैं जो दिल के रोगों का इलाज करने में मदद करते हैं।
हार्ट अटैक को रोकता है
अर्जुनारिष्ट का उपयोग म्योकार्डिअल इन्फ्राक्शन और कंजेस्टिव हार्ट फेल के मामलों में किया जाता है। यह खून की नालियों की रुकावट को रोकता है और दिमाग को खून की उचित मात्रा देता है। यह शरीर के एक तरफ की कमजोरी या पक्षाघात, सिरदर्द, आवाज़ का धीमा होना, भ्रम, अशांति, चेतना में बदलाव और सिर में चक्कर आने का कारण बन सकता है। अर्जुनारिष्ट दिल की रुकावट को रोकने में मदद करता है।
छाती में दर्द
दौड़ते समय, सीढ़ियों पर चढ़ते समय या साइकिल चलाने पर होने वाले सीने के दर्द को अर्जुनरिष्ट के उचित सेवन से कम किया जा सकता है।
इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी
यह कोरोनरी हृदय रोग के कारण होता है जब दिल अन्य अंगों में पर्याप्त मात्रा में खून पंप करने की स्थिति में नहीं रहता। उचित जीवनशैली में बदलाव करके और इस दवा का सेवन इसे ठीक करने में मदद मिलती है।
माइट्रल रिग्रिटेशन का इलाज करता है
जब भी बायाँ वेंट्रिकल सिकुड़ता है तो माइट्रल वाल्व से खून का रिसाव होता है। अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) इस स्थिति का इलाज करने में मदद करता है। डॉ. श्रीधर द्विवेदी, प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी ग्रुप, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, अर्जुनारिष्ट माइट्रल रिग्रिटेशन और एंजाइनल फ्रीक्वेंसी को कम करता है। इसके अलावा डायस्टोलिक डिसफंक्शन में सुधार करता है।
सांस के रोगों में मदद करता है
इसका उपयोग अस्थमा, पुरानी ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसे पुराने श्वसन रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। यह फेफड़ों के टिश्यूओं को मजबूत करता है और फेफड़ों की क्षमता में सुधार करता है।
यह एक एंटी-एलर्जी प्रतिक्रिया भी पैदा करता है और अस्थमा को रोकता है। यह धूम्रपान, फ्री-रेडिकल्स, धूल और अन्य विषाक्त पदार्थों से होने वाले नुकसान से फेफड़ों की रक्षा करके सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) की प्रगति को कम करता है।
Arjunarishta Uses in Hindi-अर्जुनारिष्ट के उपयोग
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) में निम्न गुण इसके लाभों में बहुत योगदान देते हैं:
कार्डियोटोनिक के रूप में उपयोग किया जाता है
अर्जुनारिष्ट दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह जड़ी बूटी शरीर में स्वस्थ रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के लेवल के रखरखाव में भी उपयोगी है।
एंटी-अस्थमेटिक
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) वायुमार्ग से बलगम को हटाने के लिए उपयोगी है और अस्थमा के इलाज़ के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में काम करता है।
प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है
अर्जुनारिष्ट स्पर्म के बनने को बढ़ाता है और स्पर्म की क्वालिटी में सुधार की दिशा में सक्रिय रूप से काम करता है।
How To Use Arjunarishta in Hindi-अर्जुनारिष्ट का उपयोग कैसे करें?
क्या इसे भोजन से पहले या बाद में लिया जा सकता है?
भोजन के बाद अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लेना उचित है।
क्या इसे खाली पेट लिया जा सकता है?
हृदय के टॉनिक के रूप में इसके लाभों का अनुभव करने के लिए इसे भोजन के बाद लेना चाहिए। अर्जुनारिष्ट हृदय की असामान्य धड़कन को कम करता है, कार्डियो-वैस्कुलर में सुधार करता है और रक्तचाप को सामान्य स्तर पर स्थिर करता है।
क्या इसे पानी के साथ लेना चाहिए?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) एक सिरप है इसलिए इसे हमेशा दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए।
क्या इसे दूध के साथ लेना चाहिए?
रक्तचाप को ठीक करने के लिए अर्जुनारिष्ट को दिन में दो बार दूध के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
अर्जुनारिष्ट का सेवन करते समय क्या परहेज करना चाहिए?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) को किसी विशेषज्ञ की देखरेख में लेना चाहिए। मधुमेह के रोगियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान के दौरान भी इसे लेने से बचना चाहिए।
Arjunarishta Dosage in Hindi-अर्जुनारिष्ट: खुराक
यह तरल रूप में मिलता है। अर्जुनारिष्ट सिरप 2 से 4 चम्मच (20 मि.ली.) दिन में दो बार बराबर मात्रा में पानी के साथ या डॉक्टर के बताये अनुसार लेना चाहिए।
Side Effects of Arjunarishta in Hindi-अर्जुनारिष्ट के प्रभाव
- इसे किसी प्रोफेशनल की सलाह से ही लिया जाना चाहिए|
- मधुमेह के रोगियों को इससे बचना चाहिए|
- 5 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए यह सुरक्षित है|
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसे लेने से बचें|
Precautions & Warnings of Arjunarishta in Hindi-अर्जुनारिष्ट से बचाव और चेतावनी
क्या गाड़ी चलाने से पहले इसका सेवन किया जा सकता है?
यदि अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) लेते हुए आपको उनींदापन, चक्कर आना, निम्न रक्तचाप या सिरदर्द का अनुभव होता है तो गाड़ी चलाने से बचना चाहिए।
क्या इसका सेवन शराब के साथ किया जा सकता है?
अर्जुनारिष्ट में 6 से 12% अल्कोहल होती है, इसलिए इसे शराब के साथ नहीं लेना चाहिए। इस सिरप को पानी या दूध के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
क्या यह नशे की लत हो सकती है?
नहीं, अर्जुनारिष्ट नशे की लत नहीं है।
क्या यह मदहोश कर सकता है?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) लेने से होने वाले दुष्प्रभावों के रूप में नींद आना, चक्कर आना, निम्न रक्तचाप या सिरदर्द का अनुभव हो सकता है। लेकिन इस आयुर्वेदिक दवा का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है।
क्या अर्जुनारिष्ट ज्यादा मात्रा में ले सकते हैं?
हाँ, लेकिन इसका ज्यादा मात्रा में सेवन न करें। इसे लगभग 2 से 4 चम्मच लें। इस सिरप की एक समान मात्रा में दिन में दो बार या चिकित्सक के बताये अनुसार लेनी चाहिए।
Important Questions About Arjunarishta in Hindi-अर्जुनरिष्ट के बारे में पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्न
यह किस चीज़ से बना है?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) बनाने के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री निम्न है-
- अर्जुन तवाक – टर्मिनलिया अर्जुन – स्टेम बार्क – 4.8 कि.ग्रा.
- मृदविका – सूखे अंगूर – फल – 2.4 कि.ग्रा.
- मधुका – मधुका इंडिका – फूल – 960 ग्रा.
- धाताकी – वुडफोडिया फ्रुटिकोसा – फूल – 960 ग्रा.
- गुड़ – गुड़ – 4.8 कि.ग्रा.
भंडारण
इसे प्रकाश और नमी से बचाकर कसकर बंद किये हुए कंटेनर या बोतल में ठंडी जगह पर रखना चाहिए।
अपनी हालत में सुधार देखने तक मुझे कितने समय तक अर्जुनारिष्ट का उपयोग करने की जरूरत है?
हर्बल हार्ट टॉनिक के रूप में इसके प्रभाव का अनुभव करने के लिए अर्जुनारिष्ट को लगभग 4 से 6 सप्ताह तक लिया जाता है।
अर्जुनारिष्ट को दिन में कितनी बार लेने की जरूरत है?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) सिरप को 2 से 4 चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ ले सकते हैं। लेकिन इस दवा को लेने से पहले किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या इससे स्तनपान कराने पर कोई प्रभाव पड़ता है?
यदि आप स्तनपान कराने वाली माँ हैं तो आपको अर्जुनारिष्ट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या यह बच्चों के लिए सुरक्षित है?
केवल 5 वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चों को ही चिकित्सकीय देखरेख में अर्जुनारिष्ट दी जानी चाहिए।
क्या गर्भावस्था पर इसका कोई प्रभाव पड़ता है?
गर्भावस्था के दौरान अर्जुनारिष्ट लेने से बचना उचित है।
क्या इसमें चीनी होती है?
हां, अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) में चीनी होती है और इसे मधुमेह के रोगियों को नहीं देना चाहिए। सिरप में चीनी आमतौर पर अर्जुनारिष्ट तरल के 20 मि.ली. प्रति 2 ग्रा. से कम है।
क्या अर्जुनारिष्ट और सरस्वतारिष्ट को भोजन के बाद ले सकते हैं?
हाँ, अर्जुनारिष्ट और सरस्वतारिष्ट दोनों को भोजन के बाद लगभग एक साथ लिया जा सकता है। इसके 10 से 15 मि.ली. की मात्रा आधा गिलास पानी में मिलकर पतला करें|
आयुर्वेदिक उपचार से दिल की बीमारियों को कैसे ठीक किया जाता है?
आयुर्वेदिक इलाज़ किसी भी तरह की बीमारी के लिए सबसे अच्छा और प्रभावी उपचार है। जबकि कई आयुर्वेदिक उपचार हैं जो बीमारी को ठीक कर सकते हैं और आपको अपनी ताकत वापस पाने में मदद करते हैं| आयुर्वेद को हृदय संबंधी कई बीमारियों को ठीक करने के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला कार्डियक टॉनिक, अर्जुनारिष्ट सबसे प्रभावी और कुशल आयुर्वेदिक दवाओं में से एक है जो हृदय रोगों को रोकने में मदद करता है। अक्सर ब्राह्मी, अश्वगंधा, गुग्गुल और अन्य प्रभावी उपचारों के साथ मिलाकर अर्जुनारिष्ट का उपयोग एक आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह से लिया जाना चाहिए।
रक्तचाप को सामान्य रखने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय क्या है?
दिल के रोगों के लिए अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) जैसे आयुर्वेदिक उपचारों को चुनने के साथ-साथ रोजाना लगभग 30 से 60 मिनट तक नियमित रूप से व्यायाम करके, ताजे फल और सब्जियां खाकर अपने रक्तचाप को सामान्य रख सकते हैं। इसके अलावा नमक (सोडियम) का सेवन कम रखना और स्पष्ट रूप से तनाव के लेवल को कम रख सकता है।
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कैसे बढ़ा सकता है?
अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) हृदय को मजबूत बनाने और खून में कोलेस्ट्रॉल के ऊंचे स्तर को कम करने के लिए एक प्रभावी उपाय है| अपने सामान्य खाना पकाने के तेल को जैतून का तेल के साथ बदलकर, कम कार्ब वाले आहार का पालन करके, नियमित रूप से व्यायाम करके और नारियल के तेल का नियमित रूप से उपयोग करके बढ़ा सकते हैं।
कोरोनरी थ्री वेसल ब्लॉकेज के लिए सबसे अच्छा सलूशन क्या हैं?
इस तरह की ब्लॉकेज को ठीक करने के लिए अर्जुनारिष्ट सबसे अच्छा समाधान है। एक कार्डियक वैसोडिलेटर अर्जुनारिष्ट किसी भी जमा के बहाव को कम करके खून की नलियों को चौड़ा करने में मदद करता है। दिल की रक्षा करने और खून के दौरे को आसान बनाने के लिए प्रभावी अर्जुनारिष्ट को अक्सर आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा आप अपनी जीवनशैली में बदलाव भी ला सकते हैं जैसे स्वस्थ भोजन करना, नियमित रूप से व्यायाम करना और हृदय को स्वस्थ को बनाए रखने के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ से सलाह आदि भी ले सकते हैं|
Buyer’s Guide in Hindi-खरीदने के लिए गाइड- मूल्य और अर्जुनारिष्ट टॉनिक कहाँ से खरीदें
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Research on Arjunarishta in Hindi-अर्जुनारिष्ट पर शोध
2018 में पब्लिशएक लेख के अनुसार ज्यादा फैट वाले जानवरों में अर्जुनारिष्ट(Arjunarishta) का एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक और एंटी-हाइपरलिपिडेमिक प्रभाव में कहा गया है कि अर्जुनारिष्ट का उपयोग हृदय की मांसपेशियों को पोषण देने और उन्हें मजबूत करने वाले कार्डियोमोनिक के रूप में किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह टॉनिक रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके कार्डियक कार्यप्रणाली को बढ़ावा देता है।
डिस्क्लेमर – ऊपर दी गई जानकारी हमारे शोध और ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ है। हालांकि, आपको दवा का सेवन करने से पहले एक चिकित्सक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।